Bonus Share in Hindi बोनस शेयर क्या है

Bonus Share in Hindi बोनस शेयर क्या है, यह क्यों और कैसे दिए जाते हैं और क्या हमें बोनस शेयर घोषित करने वाली कम्पनी के शेयर ख़रीदने चाहिएं? क्या हमेशा बोनस शेयर घोषित करने वाली कम्पनी के शेयर खरीदना फायदेमंद होता है? इसका शेयर की वैल्यू और कीमत पर क्या और कैसे असर होता है? साथ ही समझेंगे इस संदर्भ में रिकार्ड डेट क्या होती है और कम बोनस और एक्स बोनस प्राइस क्या होता है? यह सब जानिए आसान हिंदी में आज के इस ‘Bonus Share in Hindi बोनस शेयर क्या है’ लेख में। शेयर बाजार के बारे में अधिक जानकारी और अन्य पहलुओं को जानने के लिये शेयर बाजार की शुरुआत विस्तार से पढ़ें।



Bonus Share in Hindi बोनस शेयर क्या है
Bonus Share in Hindi बोनस शेयर क्या है

Bonus Share Meaning in Hindi

बोनस तो हर किसी को पसंद होता है, फिर अगर आपको बोनस में शेयर मिल जाएं तो कहना ही क्या? Bonus Share देना कंपनियां के लिए अपने कैश बैलेन्स को छेड़े बिना निवेशकों को पुरस्कृत करने का एक तरीका है। मौजूदा शेयरधारकों को उनके शेयरों की संख्या के अनुपात में दिए गए ऐसे शेयरों को, जिनके लिए शेयरधारक को कुछ भी नहीं देना होता है Bonus Share कहते हैं। कम्पनियों द्वारा डिवीडेंड देकर अपने निवेशकों को पुरस्कृत करने का मुख्य तरीका है और दूसरा तरीका है जनरल रिज़र्व में से बोनस शेयर देना। यहां पढ़ें किस कंपनी का शेयर खरीदें हमारी साइट पर।

Bonus Share मिलता है कम्पनी के प्रोफ़िट में से

Bonus Share मौजूदा शेयरधारकों को उनके शेयरों की संख्या के अनुपात में दिए गए शेयर होते हैं। उदाहरण के लिए 1: 1 बोनस का मतलब है कि एक शेयरधारक को उसके पास खरीदे हुए प्रत्येक शेयर के लिए एक अतिरिक्त  शेयर मिलेगा। यानी अगर किसी निवेशक के पास पहले से 10 शेयर हैं तो उसे 10 शेयर और मिलेंगे। शेयरधारक को इन शेयरों के लिए कुछ भी भुगतान नहीं करना होगा। निवेशकों को बोनस शेयर देने के लिए कंपनी वर्षों में अपने लाभ का एक हिस्सा रिजर्व कैपिटल में रखती है। जब ये कैपिटल रिजर्व बढ़ते हैं तो कंपनी शेयर कैपिटल खाते में रिज़र्व का एक हिस्सा स्थानांतरित करती है जिससे यह बोनस शेयर जारी करती है। बोनस शेयर दे कर कम्पनियां अपने शेयरों की लिक्विडिटी बढ़ातीं हैं और बिना पूँजी को घटाए शेयर होल्डरों तक लाभ पहुँचा देतीं हैं।



क्या Bonus Share से हमेशा फायदा ही होता है?

क्या इससे हमेशा निवेशकों को लाभ होता है? ज्यादातर मामलों में, Bonus Share जारी होने के बाद कंपनी का शेयर मूल्य बढ़ता है। अधिकतर मामलों में बोनस शेयर घोषित होने के बाद और रिकार्ड डेट के एक साल बाद तक भी शेयर की कीमत बढ़ सकती है।

Bonus के बाद Share की कीमत में बदलाव

Bonus Share के बाद शेयर की कीमत में बदलाव होता है जिसे प्राइस अजस्ट्मेंट या मूल्य समायोजन कह सकते हैं। आम तौर पर बोनस इशू के बाद कंपनी का शेयर मूल्य बोनस अनुपात के अनुसार समायोजित हो जाता है। उदाहरण के लिए, यदि बोनस से पहले कीमत 200 रुपये है और कंपनी 1: 1 के अनुपात में Bonus Share जारी करती है, तो शेयर का नया मूल्य 100 रुपये होगा, जिसका मतलब है कि कुल बाजार मूल्य (2 x रुपये 100 = रुपये 200) वही रहता है। रिकॉर्ड तिथि के बाद शेयर की कीमत बढ़ने के चान्स होते है। हालांकि ऐसा नहीं भी हो सकता है। ऐसी हालत में 200 रुपए को कम बोनस प्राइस कहेंगे और 100 रुपए को एक्स बोनस प्राइस कहेंगे।

प्रबंधकों के आत्मविश्वास का प्रतीक

आम तौर पर निवेशकों द्वारा बोनस इशू को सकारात्मक माना जाता है और स्टॉक की मांग बढ़ जाती है। यदि अगले वर्ष में, कंपनी अपनी कमाई को बढ़ाती है और अनुमानित स्तर पर प्रति शेयर आय यानी ईपीएस का स्तर बनाए रखती है तो स्टॉक अच्छा रिटर्न देगा। बोनस इशू के बाद कम्पनी के बकाया शेयरों की संख्या घोषित बोनस के अनुपात में बढ़ जाती है और उसी अनुपात में उसकी प्रति शेयर आय घट जाती है।

मगर हमेशा बोनस इशू के बाद शेयर की कीमत बढ़ेगी यह जरूरी नहीं है। बोनस की घोषणा मात्र से कम्पनी की आय पर कोई असर नहीं होता है, हां Bonus Share की घोषणा प्रबंधकों के इस आत्मविश्वास को दर्शाती है कि कम्पनी बढ़ी पूँजी के अनुसार अपनी आय को भी बढ़ा लेगी।



कब और क्यों जारी किया जाता है Bonus Share?

एक कंपनी Bonus Share जारी करती है जब इसकी आय बढ़ने की शानदार संभावनाएं होती हैं और इस प्रकार उम्मीद की जाती है कि पूंजी बढ़ने पर भी आय उसी अनुसार बढ़ जाएगी। यह तरलता और खुदरा भागीदारी में वृद्धि करता है। यानी बाजार में अधिक शेयर उपलब्ध होंगे और अधिक निवेशक इन शेयरों की तरफ आकर्षित होंगे।

Bonus Issue के बारे में जानने योग्य बातें

एक्स बोनस

इसका मतलब रिकॉर्ड तिथि के बाद की वह तारीख है जिस पर शेयर मूल्य बोनस अनुपात के अनुसार स्टॉक एक्सचेंजों पर समायोजित किया जाता है।

रिकार्ड डेट

Bonus Share प्राप्त करने के योग्य कौन है यह निर्धारित करने के लिए कंपनी द्वारा तय की गई कट ऑफ तारीख। यदि आप इस तारीख को अपने डीमैट खाते में शेयर रखते हैं तो केवल तभी आपको बोनस शेयर का लाभ मिलता है।

क्या हमें बोनस शेयर घोषित करने वाली कम्पनी के शेयर खरीदने चाहिएं?

यदि आप उन कंपनियों के शेयर खरीदना चाहते हैं जो बोनस इशू की घोषणा करने जा रहीं हैं तो रुकिए। हालांकि अधिकतर ब्लूचिप कंपनियां ही बोनस शेयरों की घोषणा करतीं हैं फिर भी किसी भी निवेशक को केवल बोनस शेयरों की घोषणा के आधार पर पूरी तरह से शेयर नहीं खरीदना चाहिए जब तक कि आप कंपनी के मूलभूत विकास और आय के बढ़ने के बारे में निश्चित न हों।

आशा है कि Bonus Share in Hindi बोनस शेयर क्या है पढ़ने के बाद आपको इस से सम्बंधित सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा और मन में आ रही शंकाएं दूर हो गयीं होंगी।

आगे पढ़ें राइट और बोनस शेयर में अंतर


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