Life Insurance In Hindi जीवन बीमा क्या है और क्या मुझे इसे लेना चाहिए? कितनी राशी का बीमा लेना सही रहेगा? इन सब सवालों के जवाब आसान हिंदी में यहाँ देने की कोशिश करेंगे. हर किसी की आयु, आय और जिम्मेदारियों के हिसाब से जीवन बीमा की आवश्यकता अलग अलग होती है.  आइये समझें जीवन बीमा क्या है. बीमा के बारे में अधिक जानकारी और अन्य पहलुओं को जानने के लिये बीमा पर हमारा लेख विस्तार से पढ़ें। Meaning and everything you want to know about Life Insurance in Hindi.



Life Insurance In Hindi जीवन बीमा क्या है
Life Insurance In Hindi जीवन बीमा क्या है

Life Insurance Meaning in Hindi

ऐसा करार जिसमें बीमित व्यक्ति की मृत्यू की अवस्था में उसकी आय से होने वाली हानि से बीमा कंपनी परिवार को सुरक्षा प्रदान करवाती है उसे Life Insurance कहते हैं। Life Insurance  नाम हो जाने से जीवन का बीमा नहीं होता। दुनिया की कोई कंपनी किसी के जीवन का बीमा नहीं कर सकती। जब कोई कंपनी किसी व्यक्ति  का बीमा करती है तो यह नही होता कि उसे कुछ हो जाये तो उस में फिर से जान डाल दी जायेगी। यह केवल आर्थिक नुकसान की भरपाई कर सकता है।

Life Insurance जीवन का बीमा नहीं होता

आप ही बताइए क्या जीवन का भी बीमा हो सकता है? क्योंकि जीवन तो भगवान का दिया है और भगवान जब चाहे उसे वापिस ले सकता है। कोई  इंसान अपने जीवन का बीमा कैसे करवा सकता है? क्या जीवन का बीमा करवाने से जीवन वापिस मिल सकता है? तो हमने अपना फर्ज समझा कि सबसे पहले Life Insurance In Hindi में इस गलत फहमी को दूर किया जाये। यहां पढ़ें हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में हमारी साइट पर।



जीवन बीमा क्या है

जीवन बीमा बीमित व्यक्ति की मृत्यू की अवस्था में उसकी आय से होने वाली हानि से परिवार को सुरक्षा प्रदान करता है। (A protection against the loss of income that would result if the insured passed away)। दूसरे शब्दों में बीमित व्यक्ति की मृत्यु की अवस्था में परिवार को होने वाली आय की हानि से जो बचाता है। आज के दौर में जब शहरों में हर दूसरा व्यक्ति कर्ज लिये मकान में रहता है तो इस अवस्था में इसकी अवश्यक्ता और भी बढ़ जाती है। Life Insurance In Hindi पढ़ने के साथ इसे भी पढ़ें जीवन बीमा के प्रकार और जानिये किस प्रकार का प्लान आपको लेना चाहिए.

Life Insurance कैसे काम करता है

बीमा की अवधि के दौरान बीमाधारक की मृत्यु होने पर बीमाराशि उसके नोमिनी को अदा कर दी जाती है। बचत प्लान में प्लान की अवधि की  समाप्ति  पर बीमाधारक को मचुरिटी वैल्यू प्रदान की जाती है। मचुरिटी वैल्यू प्लान के नियमों के अनुसार बीमाराशि और यदि कोई बोनस जारी हुआ हो तो बीमाराशि में बोनस मिला कर गिनी जाती है। बीमा अवधि के दौरान बीमा को जारी रखने के लिए निर्धारित प्रीमीयम जमा करवाना होता है। देय  तिथि तक देय प्रीमीयम जमा नहीं करवाने से Life Insurance प्लान के नियमों के अनुसार इंश्योरेंस कवर हट भी सकता है। प्लान की अवधि की  समाप्ति  और जरुरत पड़ने पर लाइफ इंश्योरेंस का क्लेम कैसे करें यह भी जान लें।

कितना सम एश्योर्ड लेना चाहिए

यूं तो बीमा कितना होना चाहिये यह  हर व्यक्ति के अपने हालात पर निर्भर करता है फिर भी एक साधारण समीकरण के अनुसार आप एक वर्ष में जितना कमाते हैं उस का आठ गुना राशि निकाल लें।  इस में आप अपनी तरल संपत्तियां (Liquid assets) जैसे नकदी, बैंक जमा और म्यूचव्ल फंड आदि  को घटा दें और अपनी देनदारियां जैसे लोन, बच्चों की जिम्मेदारी, अन्य कोई जिम्मेदारी (जैसे छोटी बहन की शादी का खर्चा या घर का कोई अपंग सदस्य जो आप पर निर्भर हो) को इस में जोड़ लें।  इस प्रकार जो राशि आयेगी उतनी राशि का Life Insurance यानि सम एश्योर्ड आपको अवश्य लेना चाहिये। इसका प्रयोग इनकम टैक्स बचाने के लिये भी किया जाता है।



सम एश्योर्ड गिनते समय ध्यान रखें

याद रहे कि मुद्रास्फीति का असर क्या होगा यह भी समायोजित (Adjust) कर लें। इसके लिये मेरा पिछला लेख Retirement Solutions in Hindi देखें। यदि आप चाहते हैं कि आप का परिवार किसी भी अनहोनी की अवस्था में इसी रहन सहन ( Living Standard ) को हमेशा के लिये कायम रख सके तो गिन कर देखिये आपको कितने Life Insurance की आवश्यक्ता है। यदि आप महिला हैं तो  महिलाओं के लिए जीवन बीमा आवश्य पढें।

Life Insurance के प्रकार

आम तौर पर टर्म इन्शुरन्स, एंडाउमेंट, मनी बैक या यूलिप जीवन बीमा के प्रकार हैं। टर्म इन्शुरन्स शुद्ध  रूप से जीवन का बीमा होता है और इसका प्रीमीयम कम होता है। बाक़ी Life Insurance प्लान बीमा के साथ बचत प्लान भी हैं जिनमें प्लान की अवधि की  समाप्ति  पर बीमाधारक को मचुरिटी वैल्यू प्रदान की जाती है। यूलिप प्लान में शेयर बाज़ार से जुड़े जोखिम भी हो सकते हैं।

Life Insurance में प्रीमीयम का निर्धारण

जीवन बीमा में प्रीमीयम का निर्धारण आपकी आयु, स्वास्थ्य और आदतों के अनुसार निर्धारित होता है। मोटे लोगों, सिगरेट पीने वालों या ख़तरे वाले जॉब करने वालों को साधारण लोगों के मुक़ाबले अधिक प्रीमीयम देना पड़ सकता है। साथ ही पढ़िए लाईफ इंश्योरेंस का प्रीमियम कैसे निर्धारित होता है

Life Insurance rules and benefits In Hindi जीवन बीमा क्या है पढ़ने के बाद आपके मन में यह स्पष्ट हो गया होगा कि आपको इसकी जरूरत तो है ही, यह भी समझाने की जरूरत है कि कितना सम एश्योर्ड लेना चाहिए.