Life Insurance का Claim कैसे करें

Life Insurance का Claim कैसे करें जब बीमा मैच्योर हो जाए तो मैच्योरिटी वैल्यू कैसे क्लेम करें या अगर बीमा धारक की मृत्यु हो जाए तो डेथ क्लेम कैसे करें। जीवन बीमा की अवधि पूरी होने के बाद मैच्योरिटी क्लेम किया जाता है। या बीमा धारक की मृत्यु के हो जाने पर डेथ क्लेम किया जाता है। क्लेम की प्रक्रिया क्या है, क्लेम लेने के लिए आप किस की मदद ले सकते हैं और कौन से काग़ज़ातों की जरूरत होगी यह सब आसान हिंदी में समझेंगे। बीमा के बारे में अधिक जानकारी और अन्य पहलुओं को जानने के लिये बीमा पर हमारा लेख विस्तार से पढ़ें। How to claim Life Insurance in Hindi.



Life Insurance का Claim कैसे करें
जीवन बीमा का क्लेम कैसे करें

How to claim Life Insurance in Hindi

हम अपने और अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए जीवन बीमा करवाते हैं मगर जब बीमा का क्लेम करना होता है तो हमें पता नहीं होता कि जीवन बीमा का क्लेम कैसे करें। यदि बीमा धारक की मृत्यु हो जाए तो परिवार के लोगों को भी पता नहीं होता कि डेथ क्लेम कैसे और कहां करना है और कैसे कागज जरूरी होंगें जो क्लेम के साथ लगाने आवश्यक हैं। इन्शुरन्स क्लेम आसानी से मिल जाए इसके लिए जरूरी है कि क्लेम के समय ही सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स क्लेम फॉर्म के साथ लगा दिए जाएं।

Life Insurance के Claim के लिए ओपचारिकताएँ

जब एक जीवन बीमा पॉलिसी वाला व्यक्ति जिसे कि जीवन बीमाधारक कहा जाता है मर जाता है, तो बीमा कंपनी को जितनी जल्दी हो सके दावा पेश कर दिया जाना चाहिए। पॉलिसी के तहत नामांकित व्यक्ति ऐसा कर सकता है। या कोई करीबी व्यक्ति या एजेंट भी ऐसा कर सकता है।



Life Insurance का Claim कैसे करें

क्लेम में मृत्यु की तिथि, स्थान और कारण की जानकारी दी जान चाहिए। बीमा एजेंट का का कर्तव्य है कि वो जीवन बीमाधारक के परिवार को दावे के लिए औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए और बीमा कंपनी से क्लेम प्राप्त करने के लिए मदद करे।

Claim के लिये जरूरी डॉक्युमेंट्स

बीमा कम्पनी निम्नलिखित दस्तावेजों की मांग कर सकती है।

दावा यानी क्लेम भरने का फॉर्म जिसे बीमा कंपनी प्रदान करती है।
मृत्यु प्रमाण पत्र।
इन्शुरन्स पॉलिसी दस्तावेज।
यदि कोई हो तो डीड ओफ असाइनमेंट।
दावा करने का कानूनी साक्ष्य, यदि पॉलिसी असाइन या नामांकित नहीं है। इसका मतलब है कि यदि किसी को पॉलिसी में नामांकित नहीं किया गया तो कानूनी उत्तराधिकारी।

यदि आवश्यक हुआ या लागू हुआ तो बीमा कम्पनी मेडिकल अटेंडेंट सर्टिफिकेट, अस्पताल का सर्टिफिकेट, नियोक्ता का प्रमाणपत्र, पुलिस पूछताछ रिपोर्ट, पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट इत्यादि जैसे अन्य दस्तावेज भी मांग सकती हैं।

मैच्योरिटी वैल्यू कैसे claim करें

जहां एक जीवन बीमा पॉलिसी परिपक्व हो रही है, बीमा कंपनी आमतौर पर पॉलिसीधारक को परिपक्वता की तारीख से कम से कम दो से तीन महीने पहले डिस्चार्ज वाउचर के साथ सूचना देगी जिसमें देय मैच्योरिटी वैल्यू का ब्योरा दिया होगा।

पॉलिसीधारक को डिस्चार्ज वाउचर पर हस्ताक्षर करना होता है जो कि एक रसीद की तरह है। इस पर विटनेस के हस्ताक्षर भी होंगे और इसे भुगतान के लिए लिए मूल पॉलिसी बॉन्ड के साथ बीमा कंपनी को वापस भेजना होता है।

यदि पॉलिसी किसी अन्य व्यक्ति या इकाई के पक्ष में असाईन की गयी है जैसे कि होम लोन कंपनी तो दावे की राशि केवल असाइनी को दी जाएगी।

सावधानियाँ

बीमा धारक को यह ध्यान रखना चाहिए कि बीमा पॉलिसी के पेपर कहां पड़े हैं यह परिवार में जिम्मेदार व्यक्ति को पता हो। पॉलिसी के साथ अपने एजेंट का विजिटिंग कार्ड भी नत्थी करके रखें जिससे जरूरत के समय एजेंट से सम्पर्क साधने में कोई समस्या ना आए।

यदि आपको जीवन बीमा का क्लेम कैसे करें यह क्लेम करने से पहले ही पता होगा तो आपको क्लेम करने में आसानी होगी और यदि सभी कागजात सही होंगे तो बीमा कम्पनी को भी क्लेम निपटने में आसानी होगी।