Bull and Bear Market in Hindi

Bull and Bear market In Hindi शेयर बाजार में बुल और बेयर का मतलब क्या हैं?  प्रश्न यह है कि शेयर बाजार में बैल और भालू का क्‍या सम्‍बन्‍ध है? क्यों शेयर बाजार के समाचारों के साथ बुल और बेयर  को भी चित्रित किया जाता है? Understanding what is Bull and Bear Market in Hindi.



Bull and Bear market In Hindi शेयर बाजार में बुल और बेयर का मतलब
Bull and Bear market In Hindi शेयर बाजार में बुल और बेयर का मतलब

Bull and Bear market In Hindi

शेयर बाजार में Bull and Bear का मतलब।  शेयर बाजार की अपनी एक भाषा होती है। जो लोग यह सोचते हैं कि बाजार तेजी के रुख में रहेगा तो लाभ की आशा में वे और शेयर खरीदना चाहते हैं इसीलिये उन्हें तेजड़िये कहते हैं। जो सोचते हैं कि बाजार में कीमतें गिरेंगी वे शेयरों को बेचना चाहते हैं तो उन्हें कहते हैं मदड़िये। इन्ही तेजड़ियों को बाजार में Bulls यानी बैल कहा जाता है तथा मंदड़ियों को Bear यानी भालू।



Bull and Bear Market in Hindi – यानी तेजड़िया और मंदड़िया

इसी लिये जब भी बाजार में तेजी आती है तो अगले दिन सेंसेक्स के ग्राफ के साथ बैल को चित्रित किया जाता है और जब बाजार तेजी से गिरते हैं तो भालू का चित्र दिखाया जाता है। शेयर बाजार का सारा खेल शेयर खरीदने और बेचने वालों के बीच ही होता है. खरीदने वाला Bull यानि बैल और बेचने वाला Bear यानी भालू. तो यह होता है शेयरबाजार में Bull and Bear का मतलब.

Bull and Bear Market in Hindi – जानवरों के स्वभाव पर आधारित

मान्यता है कि यह नाम इस जानवरों के हमला करने के तरीके से पड़ा। जब भी बैल हमला करता है तो अपने शिकार को नीचे से उठा कर उछाल देता है जबकि भालू अपने शिकार को हमेशा पंजों से नीचे की ओर दबाता है। कुछ ऐसा ही व्यवहार बाजार में तेजड़िए और मदड़िये भी करते हैं. इसीलिए इन जानवरों से बाजार के  इन खिलाडियों की पहचान बनी.

प्रतीकात्मक

जब शेयर बाजार में तेजी होती है और बाजार के सूचकांक ऊपर जा रहे होते हैं तो उसे बुल्लिश मार्किट कहते हैं. जब बाजार के सूचकांक गिर रहे होतें हैं तो उसे बेयरिश मार्किट कहते हैं. भारत के शेयर बाजारों में मुख्यत दो सूचकांक हैं सेंसेक्स और निफ्टी. बैल जहां शक्ति का प्रतीक है वहीँ लापरवाही का भी प्रतीक है.

Bull Market की पहचान

बुल्लिश मार्किट में कमजोर शेयर भी अनाप शनाप में ऊंची ऊंची कीमतों तक पहुँच जाते हैं. बाजार में ऐसा माहोल बन जाता है कि कई घटिया शेयर भी बहुत महंगे हो जाते हैं. बाजार में नए नए निवेशक पहुँचने लग जाते हैं. बाज़ार अविश्वसनीय स्तर तक पहुँचने लगते हैं। हर तरफ लालच का माहौल बन जाता है।

Bear Market की पहचान

इसके विपरीत बेयरिश मार्किट में हर तरफ ख़ामोशी और निराशा छा जाती है. बड़ी बड़ी कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिरे होते हैं मगर कोई उन्हें पूछता भी नहीं है. निराशा के कारण कोई खरीददार नहीं मिलता. बाजार से निवेशक गायब हो जाते हैं. लोग पैसा लगाना नहीं चाहते। डर का माहौल बन जाता है।

Bull and Bear हैं इस बाजार की पहचान

तो इस प्रकार शेयर बाजार हमेशा निवेशकों के डर और लालच पर चलता है। बाज़ार हमेशा या तो मंदी में रहेगा या तेज़ी में। कभी कभी तेजी के बाज़ार में छोटे छोटे मंदी के दौर आते हैं तो कभी मंदी के दौर में छोटे छोटे तेज़ी के दौर आते हैं। बहुत लंबे समय में बाजार तेज ही रहता है।

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