Fixed Deposit – Bank या Post Office

Fixed Deposit – Bank या Post Office कौन सा बेहतर है और कहां से करवाना चाहिये। भारत के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां बैंकों की पहुंच नहीं है मगर डाक घर बैंकों के बजाये दूर दराज के क्षेत्रों में भी मिल जाते हैं। ऐसे में यहां जानते हैं कौन सा फिक्स्ड डिपॉजिट बेहतर है बैंक या पोस्ट ऑफिस। साथ ही समझेंगे इनके फीचर और टैक्स बेनिफिट। यदि आपके भी मन में यह प्रश्न है कि फिक्स्ड डिपॉजिट बैंक या डाक घर कहां खुलवायें तो यहां हम इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं। Understanding Fixed Deposit in Bank or Post Office in Hindi.



Fixed Deposit – Bank या Post Office
Fixed Deposit – Bank या Post Office

Fixed Deposit करवाने के अन्य विकल्प

विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा सावधि जमा यानि फिक्स्ड डिपॉजिट की पेशकश की जाती है जिसमें बैंक, एनबीएफसी, कंपनियां और डाकघर शामिल हैं। बैंक या पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट में से कौन सा आपके लिए अधिक उपयुक्त है यहां आपको बता रहे हैं। यहां पढ़ें NBFC में फिक्स्ड डिपॉजिट के बारे में हमारी साइट पर।

कम जोखिम चाहने वालों के लिये है Bank और Post Office के Fixed Deposits

यदि आप एक सुरक्षित निवेश विकल्प के माध्यम से अपने पैसे को बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं, तो सावधि जमा यानी एफडी आपके लिये सही निवेश का साधन है। चाहे आप किसी वित्तीय लक्ष्य के लिये बचत कर रहे हों या किसी वित्तीय आपात स्थिति का सामना करने के लिए एक फंड तैयार कर रहे हों, सावधि जमा निवेश में कम जोखिम चाहने वाले व्यक्तियों के लिए उपयुक्त विकल्प है। ऐसे व्यक्ति Bank या Post Office में Fixed Deposit करवा सकते हैं। यहां पढ़ें सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम के बारे में विस्तार से हमारी साइट पर।



Fixed Deposit के प्रकार

भारत में, विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा सावधि जमा की पेशकश की जाती है जिसमें बैंक, NBFC गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, कंपनियां और Post Office शामिल हैं। इन संस्थानों में से प्रत्येक द्वारा प्रदान की जाने वाली फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं के लाभ भी अलग अलग होते हैं। आइए ब्याज दरों, कार्यकाल, जमा राशि, कर लाभ और लिक्विडिटी के आधार पर बैंक और पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना करें।

Bank और Post Office के Fixed Deposit में अंतर

BankPost Office
ब्याज3.5% से लेकर 6.5%5.5% से 6.7%
(1 अप्रैल 2020 से शुरू हुई तिमाही के लिये)
अवधि7 दिन से 10 साल1, 2, 3 और 5 साल
न्यूनतम जमा राशि₹1000₹200
कर लाभ
5 साल की अवधि पर
5 साल की अवधि पर 80c की छूट5 साल की अवधि पर 80c की छूट
कर लाभ
5 साल से कम अवधि पर
₹40,000 से अधिक ब्याज पर TDS लागू, ब्याज कर योग्य आय में जुड़ेगाTDS नहीं, ब्याज कर योग्य आय में जुड़ेगा
लिक्विडिटी5 साल की अवधि वाली FD को छोड़ कर, अवधी पूरी होने से पहले खुलवा सकते हैं5 साल की अवधि वाली FD को छोड़ कर, अवधी पूरी होने से पहले खुलवा सकते हैं
Bank और Post Office के Fixed Deposit में अंतर

Fixed Deposit पर Interest

बैंकों की ब्याज दर Post Office के मुकाबले मामूली से अंतर से थोड़ी कम हो सकती है। बैंक में ब्याज दर 3.5% से लेकर 6.5% तक हो सकती है। पोस्ट ऑफिस में 1 अप्रैल 2020 से शुरू हुई तिमाही के लिये ब्याज दर 5.5% से 6.7% है।

अवधि

बैंक में आपको फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि चुनने में लचीलापन मिलता है और आप सात दिनों से लेकर दस साल तक के लिये फिक्स्ड डिपॉजिट खुलवा सकते हैं। मगर Post Office में इसे आप एक, दो, तीन और पांच वर्ष के लिये ही खुलवा सकते हैं।

न्यूनतम जमा राशि

न्यूनतम जमा राशि अलग अलग बैंक के लिये अलग अलग होती है। यह अधिकतर सरकारी बैंकों में एक हजार और निजी बैंकों में पांच हजार है। डाक घर में न्यूनतम ₹200 में फिक्स्ड डिपॉजिट खुलवा सकते हैं।

कर लाभ

बैंक आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत पांच साल से अधिक अवधि की एफडी पर कर लाभ प्रदान करते हैं। इस अवधि के दौरान आप फंड नहीं निकलवा सकते हैं। पांच साल से कम अवधि के लिए ब्याज आय यदि सालाना 40,000 रुपये से कम हो तो बैंक टीडीएस नहीं काटते हैं। यदि आप पांच साल के डाकघर एफडी का चयन करते हैं तो आप आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं। धारा 80 टीटीबी के तहत वरिष्ठ नागरिक 50,000 रुपये तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं।

लिक्विडिटी

बैंक और डाक घर दोनों के मामले में यदि पांच साल की अवधि वाले एफडी को छोड़ कर कोई भी एफडी मैच्योरिटी से पहले खूलवाई जा सकती है। दोनों मामलों में कुछ पेनल्टी वसूली जा सकती है।

This is Understanding Fixed Deposit in Bank or Post Office in Hindi for you. फिक्स्ड डिपॉजिट चाहे बैंक में करायें या पोस्ट ऑफिस में इसके रिटर्न सुरक्षित और गारंटीकृत होते हैं। यहां हमने कुछ कारक बताये हैं जिन्हें आपको सही एफडी में निवेश करने से पहले ध्यान में रखना चाहिये।


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