Fixed Income in Hindi फिक्स्ड इनकम अथवा नियमित आय निवेश के साधन कौन कौन से हैं। यहां बतायेंगे फिक्स्ड इनकम क्या है और निवेश के किन साधनों में निवेश करके आप एक नियमित और सुरक्षित आय प्राप्त कर सकते हैं।



Fixed Income in Hindi
Fixed Income in Hindi

Fixed Income meaning in Hindi

फिक्स्ड इनकम निवेश सुरक्षित होते हैं और इनसे नियमित मिलने वाली आय वित्तीय अनिश्चितता को समाप्त करने में सहायक होती है। आय के रूप में सुरक्षित रूप से मिलने वाली नियमित रकम को Fixed Income कहते हैं। निवेश में रिस्क ना चाहने वाले लोग जैसे कि गृहणियाँ, स्टूडेंट्स और रिटायर्ड लोग नियमित आय के साधनों में ही निवेश करना पसंद करते हैं। “फिक्स्ड इनकम” में “फिक्स्ड” शब्द का मतलब भुगतान कब किया जायेगा यह भी फिक्स्ड है और राशि कितनी दी जाएगी यह भी फिक्स्ड यानि पहले से निश्चित होता है।

Fixed Income Securities in Hindi

निश्चित आय या Fixed Income किसी भी प्रकार के ऐसे निवेश को कहते हैं जिसके तहत उधारकर्ता या जारीकर्ता एक निश्चित समय पर एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिए बाध्य होता है। उदाहरण के लिए, उधारकर्ता को वर्ष में एक बार एक निश्चित दर पर ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है, और परिपक्वता पर मूल राशि चुकानी होगी। Fixed Income Securities, इक्विटी सिक्योरिटीज से एक दम उलट होतीं है। इक्विटी सिक्योरिटीज जिन्हें अक्सर स्टॉक और शेयरों के रूप में जाना जाता है वे लाभांश या आय के किसी अन्य रूप में भुगतान करतीं हैं मगर इसके लिए वे बाध्य नहीं हैं। यानी शेयरों में कोई नियमित आय की गारंटी नहीं होती है।

Fixed Income Instruments in Hindi

अपने पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन करने के लिये और निवेश में रिस्क को कम करने के लिये निवेशकों को आपने निवेश के एक हिस्से को Fixed Income Instruments में निवेश करने की सिफारिश की जाती है। पोर्टफोलियो का कितना हिस्सा फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करना है यह निवेशक की निवेश शैली पर निर्भर करता है। शेयर बाज़ार में अपने निवेश के रिस्क को कम करने के लिये कोई भी निवेशक अपने निवेश पोर्टफोलियो में 50% Fixed Income Instruments और 50% शेयर रख सकता है।



कंपनियां और सरकारें दिन-प्रतिदिन के कार्यों के लिए धन जुटाने और बड़ी परियोजनाओं को वित्त पोषण करने के लिए ऋण प्रतिभूतियों को जारी करती हैं। Fixed Income Instruments अपने पैसे उधार देने के बदले निवेशकों को निर्धारित ब्याज दर पर रिटर्न का भुगतान करते हैं। परिपक्वता तिथि पर निवेशकों को मूल राशि चुकायी जाती है जिसे उन्होंने निवेश किया था जिसे की मूलधन के रूप में जाना जाता है।

Corporate Bonds

किसी कंपनी को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए अक्सर धन जुटाने की आवश्यक्ता होती है। इसके लिए कंपनी स्टॉक जारी करके इक्विटी बढ़ा सकती है या नियमित ब्याज का भुगतान करने और ऋण (बांड या बैंक ऋण) पर मूलधन चुकाने का वादा कर सकती है। ऐसी फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज का ट्रेड इक्विटी या शेयरों से अलग होता है।

उदाहरण के लिए, एक कंपनी ₹ 1000 की फ़ेस वैल्यू या बराबर मूल्य के साथ 7% के बॉन्ड जारी कर सकती है जो पांच वर्षों में परिपक्व होने है। आम तौर पर इन्हें NCD या Non Convertible Bond कहते हैं। निवेशक ₹ 1000 के लिए बांड खरीदता है जिसे पांच साल के अंत में वापस भुगतान किया जाएगा। पांच वर्षों के दौरान, कंपनी ब्याज का भुगतान करती है प्रति वर्ष 7% की दर के आधार पर। नतीजतन, निवेशक को पांच साल के लिए प्रति वर्ष ₹70 का भुगतान किया जाता है। पांच साल के अंत में, निवेशक को परिपक्वता तिथि पर शुरू में निवेश किए गए ₹ 1,000 का भुगतान किया जाता है।

Fixed Income Instruments

Fixed Income Instruments यानी नियमित आय के लिये निवेश के साधन हैं

  • Fixed Income Funds
  • Fixed Income Saving Schemes
  • Post Office and Bank Fixed Deposits
  • Corporate and NDFC Fixed Deposits
  • Insurance


Fixed Income के फायदे

Fixed Income इनवेस्टमेंट निवेशकों को बॉन्ड या डेट इंस्ट्रूमेंट निश्चित और नियमित इनकम देते हैं, साथ ही साथ निवेशक को जब पूंजी या धन की बहुत ज्यादा जरूरत होती तो वे इससे पूरी कर सकते हैं। फिक्स्ड इनकम से निवेशक अपने नियमित खर्च पूरे कर सकतेहै। यही एक कारण है कि यह सेवानिवृत्ति लोगों में लोकप्रिय होते हैं।

कम जोखिम

फिक्स्ड-इनकम प्रोडक्ट्स से मिलने वाला ब्याज भुगतान भी निवेशकों को उनके निवेश पोर्टफोलियो में जोखिम को स्थिर करने में मदद कर सकता है – जिसे बाजार जोखिम के रूप में जाना जाता है। शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को शेयर बाज़ार में बड़े पैमाने पर क़ीमतों में उतार चढ़ाव से लाभ या हानि हो सकती है। स्थिर-आय वाले उत्पादों से स्थिर ब्याज का भुगतान आंशिक रूप से स्टॉक की कीमतों में गिरावट से नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। नतीजतन, ये सुरक्षित निवेश एक निवेश पोर्टफोलियो के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।

सुरक्षित निवेश

साथ ही अधिकतर Fixed Income Saving Schemes सरकार द्वारा चलाई जातीं है। किसी कंपनी के दिवालिया होने की स्थिती में बॉन्डहोल्डर्स के पास आम शेयरधारकों की तुलना में कंपनी की संपत्ति पर अधिक अधिकार होता है।

हालांकि Fixed Income उत्पादों के लिए कई लाभ हैं फिर भी सभी निवेशों के साथ कई जोखिम भी जुड़े होते हैं जिसे निवेशकों को उन्हें खरीदने से पहले पता होना चाहिए।

फिक्स्ड इनकम से जुड़े जोखिम

एक कंपनी से जुड़ा क्रेडिट रिस्क Fixed Income Instruments के वैल्यूएशन पर अलग-अलग असर डाल सकता है, जोकि इसकी मैच्योरिटी तक रहता है। यदि कोई कंपनी संघर्ष कर रही है, तो सैकेंडरी मार्केट में उसके बांड की कीमतों में गिरावट हो सकती हैं। यदि कोई निवेशक किसी संघर्षरत कंपनी के बॉन्ड को बेचने की कोशिश करता है, तो बॉन्ड फेस वैल्यू या सममूल्य से कम पर बेचना पड़ सकता है। इसके अलावा, बांड निवेशकों के लिए खुले बाजार में उचित मूल्य पर या बिल्कुल भी बेचना मुश्किल हो सकता है क्योंकि होसकता है कि उसकी कोई मांग ना हो।



बांड की कीमतें बांड के समयावधि में बढ़ या घट सकती हैं। यदि निवेशक परिपक्वता तक बांड को रखता है, तो मूल्य की गतिविधियों से उसे कोई अंतर नहीं पड़ता क्योंकि निवेशक को परिपक्वता पर बांड के अंकित मूल्य का भुगतान किया जाएगा। हालांकि, यदि बॉन्डधारक किसी ब्रोकर या वित्तीय संस्थान के माध्यम से अपनी परिपक्वता से पहले बांड बेचता है, तो निवेशक को बिक्री के समय का बाजार मूल्य प्राप्त होगा। विक्रय मूल्य पर वर्तमान बाजार ब्याज दर के आधार पर निवेश पर लाभ या हानि हो सकता है।

इंटरेस्ट रेट रिस्क

निश्चित आय वाले निवेशकों को इंटरेस्ट रेट रिस्क का सामना करना पड़ सकता है। यह जोखिम ऐसे वातावरण में होता है जहां बाजार की ब्याज दरें बढ़ रही हैं, और Fixed Income Instrument द्वारा भुगतान की गई दर कम रह जाती है। इस मामले में, बांड का मूल्य सेकेंडरी बांड मार्केट में कम हो जायेगा। इसके अलावा, निवेशक की पूंजी निवेश में बंध जाती है और वे इसे प्रारंभिक नुकसान उठाए बिना उच्च आय अर्जित करने के लिए अधिक ब्याज वाले किसी साधन में निवेश नहीं कर सकते।

उदाहरण के लिए, यदि किसी निवेशक ने 2-वर्षीय बॉन्ड प्रति वर्ष 7% पर लिया और 2-वर्षीय बॉन्ड के लिए ब्याज दर 9% तक उछल गई तो निवेशक 7% आय ही प्राप्त कर पाता है। अच्छा हो या बुरा Fixed Income Instruments में निवेश करने के बाद निवेशक को निश्चित दर पर ब्याज मिलता है भले ही बाजार में ब्याज दरें अधिक या कम हो जायें।

महंगाई की मार

मुद्रास्फीति का जोखिम भी Fixed Income Instruments में निवेशकों के लिए हानि का कारण हो सकता है। जिस गति से अर्थव्यवस्था में कीमतें बढ़ती हैं उसे मुद्रास्फीति कहा जाता है। यदि कीमतें बढ़ती हैं या मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो यह Fixed Income Instruments के लाभ में कमी कर देतीं है। उदाहरण के लिए, अगर फिक्स्ड-रेट डेट सिक्योरिटी 7% रिटर्न देती है और मुद्रास्फीति 7.5% बढ़ जाती है, तो निवेशक को घाटा होता है और वास्तविक रूप से उसे 0.5% की हानि होती है।

भारत में सर्वश्रेष्ठ सरकारी Fixed Income निवेश विकल्प

चूंकि फिक्स्ड इनकम इनवेस्टमेंट्स का फोकस मुख्य रूप से सेफ्टी, लिक्विडिटी और रिटर्न है, इसलिए ऐसी कई स्कीमें हैं, जो भारत सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा पेश की जाती हैं।

Public Provident Fund सार्वजनिक भविष्य निधि

Public Provident Fund दीर्घकालिक निवेश के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय योजनाओं में से एक है जो भारत सरकार द्वारा संचालित है। इसमें आकर्षक ब्याज दरें हैं जो पूरी तरह से कर से मुक्त हैं। निवेश की अवधि 15 साल के लिए होती है और पांच पांच साल में इसकि अवधि को बढ़ाने का विकल्प मिलता है। आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कराधान लाभ मिलता और इसका है ब्याज भी कर मुक्त है। एक वर्ष में अधिकतम निवेश राशि ₹ 1.5 लाख है।


PSU Bonds पीएसयू बांड

ये ऐसे बॉन्ड हैं जो सरकार द्वारा समर्थित संस्थाओं द्वारा जारी किए जाते हैं और इनमें डिफॉल्ट होने का जोखिम बहुत कम होता है। इन बांडों पर ब्याज के माध्यम से उत्पन्न आय पूरी तरह से आयकर से मुक्त है। मगर पूंजीगत लाभ कर योग्य होता है।

Senior Citizen Savings Scheme वरिष्ठ नागरिक बचत योजना

Senior Citizen Savings Scheme 60 वर्ष से कम उम्र के निवेशकों के लिए निवेश योजना है जो कम टैक्स ब्रैकेट में हों और आय की नियमित उपलब्ध्ता चाहते हैं। इसमें निवेश की समय सीमा 5 वर्ष है जिसे अगले 3 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। इसमें अधिकतम ₹15 लाख निवेश किये जा सकते हैं।

Sukanya SamriddhI Yojana सुकन्या समृद्धि योजना


Sukanya SamriddhI Yojana एक छोटी जमा योजना है जिसे “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” अभियान के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था और यह बालिकाओं के लिए है। इस योजना में आयकर लाभ के साथ 7.6% की ब्याज दर (1 अप्रैल 2020 को) मिलती है। बेटी के जन्म के समय से लेकर दस वर्ष की आयू तक इस योजना में निवेश किया जा सकता है। योजना के लिए न्यूनतम जमा राशि ₹1000 है। खाता खोलने की तारीख से 21 साल तक या 18 साल की होने के बाद लड़की की शादी तक यह योजना चालू रह सकती है।

अन्य Fixed Income Instruments

अन्य Fixed Income Instruments विकल्प जो कि निवेशकों के लिए उपलब्ध हैं। आप इन पर क्लिक करके इन सबके बारे में विस्तार से हिंदी में पढ़ सकते हैं।

Fixed Income in Hindi में हमने जाना ऐसे कौन से निवेश के अवसर उपलब्ध हैं जिनमें निश्चित आय भी मिलती है और निवेश भी सुरक्षित रहता है।


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