खातेदार की मृत्यु के बाद सेविंग अकाउंट से पैसे निकालना

खातेदार की मृत्यु के बाद सेविंग अकाउंट से पैसे निकालना कठिन कार्य हो सकता है। आप भी अपने बचत खाते या सेविंग अकाउंट में ऐसा इंतजाम कर के रखें जिससे किसी दुर्घटना के समय आपके परिवार को आपके खाते से पैसे निकलवाने में कोई परेशानी ना हो और पैसे सही हाथों में ही जाएँ। यहाँ विस्तार से हिंदी में चर्चा करेंगे कि किस तरह से ऐसी समस्या से बचा जा सकता है और यदि ऐसी कोई समस्या आ जाए तो खातेदार की मृत्यु के बाद सेविंग अकाउंट से पैसे निकालना कैसे सम्भव हो। साथ ही यह समझेंगे कि परिवार में कौन लोग ऐसी स्थिति में आपके पैसे निकलवाने के हकदार होंगें। How to withdraw money from Savind Account after death of the Account Holder.



खातेदार की मृत्यु के बाद सेविंग अकाउंट से पैसे निकालना
खातेदार की मृत्यु के बाद सेविंग अकाउंट से पैसे निकालना

खातेदार की मृत्यु के बाद सेविंग अकाउंट से पैसे निकालना

  • ज्वाइंट एकाउंट है तो : दूसरा खाताधारक खाते को चला सकता है
  • नॉमिनेशन है तो : मृत्यु प्रमाणपत्र बैंक को दे कर नॉमिनी को खाते के अधिकार मिल जाते हैं
  • नॉमिनेशन ना हो तो : उत्तराधिकार या सक्सेशन सर्टिफिकेट कोर्ट से प्राप्त करने की आवश्यकता होगी


बैंकों के सेविंग अकाउंट खाते चलाने के नियम बहुत ही सख्त होते हैं। हालांकि ऐसे नियम कभी कभी मुश्किलों का कारण भी बन सकते हैं। इस बात का इंतजाम करना बहुत आवश्यक है कि संकट के समय आपके परिवार के लोग आपके खाते की रकम आसानी से प्राप्त कर सकें। क्योंकि संकट के समय ही आपके परिवार को सेविंग अकाउंट में पड़े इस पैसे की सबसे अधिक जरूरत हो सकती है। मृत्यु ही क्यों, किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में भी यदि खातेदार बैंक जाने की स्थिति में ना हो तो भी परिवार वालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।



ऐसी परेशानी से कोई भी नहीं गुजरना चाहेगा। इसीलिए यहां पढ़ें केसे बिना परेशानी के आप अपने खाते के अधिकार आसानी से अपने परिवार के सदस्य को दिलवा सकते हैं।

Nomination दर्ज करना न भूलें और इसे Update करवाते रहें

सेविंग अकाउंट खाता खुलवाते समय ही नामांकन या नॉमिनेशन दर्ज करना न भूलें। यह सुविधा सभी खाता धारकों को उपलब्ध होती है। इससे मृत्यु के समय या उसके बाद नामित व्यक्ति के लिए मृत खाता धारक के खाते को सम्भालने की प्रक्रिया सरल बन जाती है।

Nominee व्यक्ति नहीं है तो क़ानूनी उत्तराधिकारी

कोई ज़रूरी नहीं है कि नामित व्यक्ति ही कानूनी उत्तराधिकारी भी हो। यह दोनों अलग अलग व्यक्ति हो सकते हैं। यदि खाते में कोई नामित व्यक्ति का नाम नहीं है तो कानूनी उत्तराधिकारी को खाते को निपटाने का अधिकार मिलेगा। इसके लिए उत्तराधिकारी को उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना पड़ेगा।

उत्तराधिकार या सक्सेशन सर्टिफिकेट

उत्तराधिकार या सक्सेशन सर्टिफिकेट यह निर्धारित करता है कि खातेदार की मृत्यु के बाद उसका क़ानूनी उत्तराधिकारी कौन है। इसके लिए स्थानीय सिविल कोर्ट में आवेदन देना होता है। दावे पर यदि परिवार का कोई अन्य सदस्य आपत्ती नहीं करता तो कोर्ट सक्सेशन सर्टिफिकेट जारी कर देता है।

खातेदार की मृत्यु के बाद सेविंग अकाउंट में नॉमिनेशन के लाभ

नामांकन का लाभ यह है कि किसी खाताधारक की मृत्यु की स्थिति में, बैंक खाते में रखा धन नियुक्त नामांकित व्यक्ति को जारी कर सकता है और उत्तराधिकार प्रमाणपत्र या अन्य कानूनी दस्तावेजों जैसे कि उत्तराधिकारी दस्तावेज़ पर जोर नहीं देगा। इसके अलावा आप नामांकित व्यक्ति को तब तक बदल सकते हैं जब तक आपका जमा खाता आप चला रहे हैं। नामांकन की स्थिति में नामित व्यक्ति को खाते का अधिकार तभी मिलता है जब खातेदार की मृत्यु हो जाती है। गम्भीर बीमारी या खातेदार के कोमा में जाने की स्थिति में नामित व्यक्ति को खाते में पड़े पैसे प्राप्त करने का अधिकार नहीं मिलता है।

Joint Saving Account ज्वाइंट सेविंग अकाउंट

ऐसी स्थिति से बचने के लिए संयुक्त बचत बैंक या ज्वाइंट सेविंग अकाउंट खुलवाना बेहतर है। संयुक्त बचत बैंक खाता survivor clause के साथ आता है यानी इसमें दोनों खाताधरों और बाद में जीने वाले खाता धारी के अधिकारों का निर्धारण होता है। इसे निम्न दो श्रेणियों में बांट सकते हैं:

खातेदार की मृत्यु के बाद सेविंग अकाउंट – Either or Survivor

इस प्रकार के अधिकृत खाते में दोनों खाताधारक जमा खाते को संचालित कर सकते हैं। यहां दोनों जमाकर्ताओं के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है। मिसाल के तौर पर, अगर पति और पत्नी का ‘Either or survivor’ खाता है तो उनमें से कोई भी दूसरे की अनुपस्थिति में पूरी तरह से इसे संचालित कर सकता है। Either or survivor का साधारण अर्थ होगा कि जब दोनों खाताधारक  जिंदा हों तो कोई भी खाते का संचालन कर सकता है और यदि दोनों में से किसी की भी मृत्यु होने की स्थिति में जो जिंदा हो वो खाते को संचालित कर सकता है।

Former or Survivor

इस मामले में जब दोनों जमाकर्ता जीवित होते हैं तो पहला धारक अकेले खाता संचालित कर सकता है। पहले धारक की मौत के मामले में दूसरे धारक को खाते का अधिकार मिलेगा। हालांकि खाते का अधिकार लेने से पहले दूसरे खाताधारक को आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा जैसे कि पहले धारक की मृत्यु का सबूत।

संकट अप्रत्याशित हैं और ऐसी अवांछित स्थितियों में वित्तीय परेशानियों से बचने के लिए आपको यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि सभी दस्तावेज और नॉमिनेशन सही हैं।  सुनिश्चित करें कि भविष्य  की परेशानियों से बचने के लिए आपके  बचत बैंक खाते में समय पड़ने पर परिवार के लोगों को पैसा प्राप्त करने का अधिकार हो जिससे कि संकट के समय में उन्हें भटकना ना पड़े।


Comments

2 responses to “खातेदार की मृत्यु के बाद सेविंग अकाउंट से पैसे निकालना”

  1. Praveen

    Sir,
    After death account holder, not full fil account nominee name , how to withdraw money, and which documents are needed please give response my question.

  2. इस लेख में विस्तार से बताया गया है।

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