बचत और निवेश में अंतर

बचत और निवेश में अंतर को समझना बहुत जरूरी है। बहुत से लोग इस अंतर को समझ नहीं पाते जिसके कारण ना तो वे लोग योजना बद्ध तरीके से बचत ही कर पाते है और ना ही सही तरीके से निवेश कर पाते हैं। आज हम समझते हैं कि बचत किसे कहा जाएगा और निवेश किसे कहा जाएगा साथ ही समझेंगे कि दोनों में मुख्यत क्या फर्क है और इसे समझ कर  कैसे हम अपने जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।



बचत और निवेश में अंतर
बचत और निवेश में अंतर

वित्तीय लक्ष्यों के लिए बचत और निवेश में अंतर

अक्सर देखा गया है कि लोग अपने वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने में हमेशा पिछड़ जाते हैं। ये लोग नियमित बचत करते रहने के बावजूद अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते रह जाते हैं। अपने जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह जानना जरूरी है कि हम उन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कितनी बचत कर रहे हैं और उसे कहां निवेश कर रहे हैं जिससे कि हम अपने निर्धारित उद्देश्य के अनुसार पैसा जोड़ सकें।



बचत और निवेश में अंतर

साधारण भाषा में समझा जाए तो बचत और निवेश में अंतर इतना ही है कि जो राशि आप अपनी नियमित आय से बचा कर अलग रख लेते हैं वह बचत है और यदि आप अपनी उस बचत तो कुछ रिटर्न प्राप्त करने के लिए ऐसा कुछ खरीदते हैं जो कि भविष्य में आपकी सम्पत्ति बन सके। अब हम इस अंतर को विस्तार से समझते हैं। पढ़िये SIP vs RD in hindi हमारी साइट पर।

बचत

बचत अल्पकालिक लक्षयों के लिए है। बचत खाता, आरडी यानी recurring deposit, एफडी यानी fixed deposit या अन्य किसी भी तरीक़े से अलग से रखे गए पैसे को बचत कह सकते हैं। गृहनियों द्वारा बचा कर किचन में चावल के मर्तबान में रखा पैसा भी बचत की श्रेणी में ही आएगा। बचत में रखा पैसा जब चाहिए हो तब सहजता से उपलब्ध होता है। अक्सर यह बचत अल्पकलीन लक्षयों या आपातकालीन जरूरतों के लिए होती है। बचत में रखा गया आपका पैसे निवेश के मुक़ाबले अधिक सुरक्षित रहता है।

इसमें बहुत कम या ना के बराबर जोखिम होता है। बचत में आपको रिटर्न बहुत कम मिलता है क्योंकि सभी बचत योजनाओं में ब्याज की कम दर होती है। आपको केवल इतना ही रिटर्न मिलता है जिससे मुद्रास्फीति मुश्किल से कवर हो पाती है।

बचत किए गए पैसे को दो साल से अधिक नहीं रखें। यदि दो साल से अधिक रखना चाहते हैं तो उस पैसे को कहीं निवेश कर लें जिससे आपका धन कुछ बेहतर रिटर्न दे सके।

निवेश

दीर्घकालिक आर्थिक लक्ष्यों के लिए निवेश किया जाता है। निवेश के श्रेष्ठ उदाहरण हैं स्टॉक, बॉन्ड और रियल एस्टेट। निवेश के लिए आदर्श समय अवधि न्यूनतम 3 साल है।
मुख्य बचत और निवेश में अंतर यही है कि निवेश में आप उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। निवेश में ऊँचे रिटर्न की सम्भावना के साथ रिस्क भी रहता है। निवेश से आप लंबे समय तक मुद्रास्फीति को पछाड़ कर अपने धन में वृद्धि कर सकते है। म्यूचूअल फंड और SIP निवेश के श्रेष्ठ तरीके है। निवेश किया गया पैसा एकदम से उपलब्ध नहीं रहता है और इसे बेचने में समय लग सकता है।

अपने वित्तीय लक्ष्यों का निर्धारण कीजिए। उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित कीजिए। कोई सपना ऐसा नहीं होता जो पूरा ना किया जा सके। जरूरत होती है लगन और अनुशासन के साथ बचत करने की और उस बचत को सही जगह पर निवेश करने की।

तो अपने पैसे की सुरक्षित करने के लिए बचत कीजिए और अपने पैसे को बढ़ाने के लिए उसका कहीं निवेश कीजिए। यह सब समझने के बाद आप योजना बद्ध तरीक़े से निवेश कीजिए और अपने वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जुट जाइए।